*पुनर्वास केंद्रों में रह रहे बच्चों के साथ मंत्री रेखा आर्या ने किया संवाद*
*सफल होने वाले बच्चों की मंत्री ने थपथपाई पीठ, बोलीं- पुनर्वास केंद्र में रह रहे हर बच्चे के लिए मैं बुआ और मुख्यमंत्री जी मामा की तरह*
देहरादून: मंगलवार को मंत्री रेखा आर्या ने राजकीय एवं स्वैच्छिक बाल देख-रेख संस्थाओं में पुनर्वासित जीवन जी रहे बच्चों की उपलब्धियों से भरे कार्यक्रम ‘मेरी पहचान’ में प्रतिभाग किया। उन्होंने बच्चों की हौसले व जीवटता से भरी सफलताओं पर उनके साथ संवाद किया और भविष्य के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को राजकीय सेवाओं में 5% क्षैतिज आरक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस आरक्षण का लाभ पाकर 24 बच्चे सरकारी नौकरी पा चुके हैं और अन्य कई इसी दिशा में प्रयासरत हैं। उन्होंने सरकारी सेवा में चयनित होने वाले बच्चों को अन्य बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत भी बताया। मंत्री रेखा आर्या ने इन सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि सरकार ऐसे हर बच्चे के सहयोग हेतु पूर्ण रूप से संकल्पित है।
वो बोलीं कि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चल रही हमारी सरकार बच्चों के प्रति एक अत्यंत संवेदनशील सरकार है और हम पूरी तरह से ऐसे बच्चों के प्रति समर्पित हैं। ऐसे बच्चों के साथ आत्मीयता को बढ़ाते हुए रेखा आर्या ने कहा कि, प्रदेश के सभी बच्चों और विशेषकर पुनर्वास में रह रहे हर बच्चे के लिए मुख्यमंत्री ‘मामा’ की भूमिका में हैं और वो स्वयं उनकी ‘बुआ’ के रूप में हर स्तर पर उनके साथ हैं।
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