भारतीय सेना की 35 सदस्यीय टीम ने दुर्जेय माउंट मुकुट (7,242 मीटर) पर सफलतापूर्वक की चढ़ाई भारत का लहराया तिरंगा
एंकर दृढ़ता और साहस का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए, भारतीय सेना की 35 सदस्यीय टीम ने दुर्जेय माउंट मुकुट (7,242 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है। उत्तराखंड में भारत- तिब्बत सीमा पर स्थित इस चुनौतीपूर्ण शिखर पर चढ़ना न केवल एक साहसिक उपलब्धि है, बल्कि उनकी अदम्य भावना और उत्कृष्टता की निरंतर खोज का प्रमाण है।
जी हां हम बात कर रहे हैं माउंट ट्रेनिंग की जो अपने आप में एक अकल्पनीय अविश्वसनीय है ।
क्योंकि जब हम हिमालय को दूर से देखते हैं तो उसका आनंद कुछ और ही आता है मगर जब हम उस पर चढ़ाई करते हैं तो एक रोमांटिक और साहसिक खेल होता है । जो बहुत कठिन चुनौतियो द्वारा पूरा किया जा सकता है । उसके लिए कई महीनो तक ट्रेनिंग की जाती है और शारीरिक और मानसिक फिटनेस भी होना बहुत जरूरी है गोरतलब है की बर्फीली चोटियों पर मौसम अनुकूल नहीं रहता है समय-समय पर परिवर्तन होता रहता है…… इसलिए कई माउंटेन इसको पार नहीं कर पाते हैं….. 35 सदस्य अलग-अलग यूनिट के भारतीय सेवा के जवान है ।…..जिसमें से 6 सदस्य गढ़वाल राइफल के थे और एक जवान गढ़वाल स्काउट का शामिल था । भारतीय सेना की इस टीम ने सफलतापूर्वक चोटी पर भारत का तिरंगा लहराया है जो की पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखंड और उत्तरकाशी जनपद के लिए एक गर्व की बात है ।
भारतीय सेना के 35 सदस्य टीम को एवरेस्ट को सफलतापूर्वक पार करने के लिए सलेक्शन हुआ है । जो इसके बाद अब एवरेस्ट की चढ़ाई पर जाएंगे ।
इन 35 सदस्य में उत्तरकाशी भटवाड़ी ब्लॉक के अंतर्गत बयाण गांव के धर्मेंद्र राणा गढ़वाल एस्कॉर्ट के जवान भी शामिल है जो की उत्तरकाशी के लिए बहुत ही गर्व की बात है वही धर्मेंद्र राणा के माता-पिता भी अपने बेटे पर काफी गर्व कर रहे हैं ।
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