26 December 2024

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लोक गायका मंजू सुन्दरियाल और विपिन राणा गीतों पर झूमे लोग  स्टेट हैंडलूम एक्सपो में मधुबनी पेंटिंग लुभा रही लोगों को

लोक गायका मंजू सुन्दरियाल और विपिन राणा गीतों पर झूमे लोग

स्टेट हैंडलूम एक्सपो में मधुबनी पेंटिंग लुभा रही लोगों को

 

 

देहरादून। स्टेट हैंडलूम एक्सपो मधुबनी पेंटिंग का स्टॉल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। अपने घरों की सजावट के लिए एक्सपो में आने वाले लोग मधुबनी पेंटिंग्स की भी खासी खरीदारी कर रहे हैं।

 

आज एक्सपो में खरीदारी करने वालों की खासी भीड़ उमड़ी। शाम के समय मौसम सर्द होने के बावजूद काफी लोग सांस्कृतिक और संध्या का लुत्फ उठाने और खरीदारी करने पहुंचे।

एक्सपो में आज इंदू भट्ट ममगाईं के निर्देशन में कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। उसके बाद कलाकारों द्वारा नृत्य की प्रस्तुति दी गयी। सर्वप्रथम होलिका गणेशा,जागर गीत,ग्यूराल फूल, थड़िया और चौफला नृत्यों ने एक्सपो में समां बांध दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में सतेन्द्र, अज्जू, अभय, नील, रीता, देविका, दिव्या और पिंकी शामिल रहे।

इस कार्यक्रम में संगीतकारों ने भी अपने संगीत का जादू बिखेरा। वीरेंद्र, सुशील कुमार शर्मा, संजय नौटियाल ने अपने गीतों से लोगो का ख़ूब मनोरंजन किया और लोग नाचने में मजबूर हो गए।

 

हैंडलूम एक्सपो में प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग का स्टाल लगाया गया है। इनकी यह कलाकारी हर राज्य में प्रसिद्ध हैं। इस पेंटिंग को 11 परिवार के सदस्य अपने हाथों से बनाते हैं। इस पेंटिंग को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 30 जनवरी को बिहार की सरकार की तरफ़ से भी सम्मान दिया गया। मधुबनी पेंटिंग के विषय ज्यादातर रामायण, महाभारत, जीव-जंतु से जुड़े होते हैं। इनकी ख़ासियत यह है कि यह हैंडमेड कागज से बनते हैं। इनका मूल्य 50 रुपए से 10,000 रुपए तक जाता हैं। कलाकारों की यह अनोखी पेंटिंग काफी लुभा रही है और लोग इन पेंटिंग्स में काफ़ी दिलचस्प ले रहे हैं।

 

एक्सपो में एक स्टाल राजस्थान के मशहूर चादर का भी हैं इसमें प्योर कॉटन,मशलीन कॉटन, पर्कील कॉटन आदि का इस्तेमाल हुआ हैं और ये सारा काम हैण्डब्लॉक का हैं।

इसमें अलग- अलग तरह की चादरें जैसे कि अनोखी चादर, हैण्डब्लॉक बेडकवर, कॉटन कुशन कवर आदि हैं।

राजस्थान, जयपुर, बागुरु में 5 -6 लोग मिलकर यह काम करते हैं। इसका मूल्य 800 रुपए से शुरू होकर 3,500 रुपए तक होता है। लोगों को यह राजस्थानी चादरें काफ़ी पसंद आ रहीं हैं।

इस दौरान एम.एस.सजवान, उप निदेशक उद्योग, श्री मृत्युंजय सिंह, संयुक्त निदेशक उद्योग, मेला अधिकारी श्री प्रदीप सिंह आदि मौजूद रहे।

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