22 November 2024

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*देशभर के विशेषज्ञों के साथ होने वाली कान्फ्रेंस से चिकित्सा विज्ञान को नया अपडेट मिलता- प्रो. हेम चन्द्रा*

देशभर के विशेषज्ञों के साथ होने वाली कान्फ्रेंस से चिकित्सा विज्ञान को नया अपडेट मिलता- प्रो. हेम चन्द्रा

 

बोले, आधुनिक तरीके से होने वाले शोध कार्यो से चिकित्सकों एवं पी.जी. छात्रों की शिक्षा में भी ग्रोथ होती है।

 

मेडिकल कॉलेज कॉलेज में आई.एस.ए. सेंट्रल जोन स्तरीय कान्फ्रेंस का शुभारंभ

 

 

श्रीनगर। मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया एवं उत्तराखंड सोसायटी आफ एनेस्थीसियोलाजिस्ट (उक्सा) के तत्वावधान में आई.एस.ए. सेन्ट्रल जोन एवं उतराखंड स्टेट की दो दिवसीय कान्फ्रेंस शुरुआत हुई। पारम्परिक वाद्य यंत्र ढ़ोल-दमाऊ की धुनों के साथ एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति प्रो. हेम चन्द्रा जी एवं आईएसए सेंट्रल जोन के पदाधिकारियों, चेयरमैन डा. सुरिंदर सिंह, सचिव डा. अजेय बिक्रम सिंह , उतराखंड एनेस्थीसिया सोसायटी की अध्यक्ष डा. पारूल जिन्दल, डा. दीपक मालवीय एवं मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने दीप प्रज्जवलित और सरस्वती वंदना के साथ संयुक्त रूप से शुभारंभ किया गया। कान्फ्रेंस में देश के विभिन्न प्रान्तों से 250 विषय विशेषज्ञो द्वारा प्रतिभाग किया।

मेडिकल कॉलेज के प्रेक्षागृह में आयोजित कान्फ्रेंस में एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति प्रो. हेम चन्द्रा जी ने कहा कि नेशनल, स्टेट स्तर की कान्फ्रेंस हमारे मेडिकल फैकल्टी हेतु ये ग्रोथ फैक्टर होते है। इनमें हम जो आधुनिक तरीके से नये-नये शोध व उन्नति होती है, इससे देशभर के विशेषज्ञ अपने अपने विषय पर किये गये शोध कार्यो से नया अपडेट देते है। जिसका फायदा चिकित्सा विज्ञान को मिलता ही साथ ही मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले पी.जी. व एमबीबीएस के छात्रों को नया ज्ञान व स्किल मिलता है। प्रो. हेम चन्द्रा ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कान्फ्रेंस आयोजित कराने की पहल का स्वागत करते हुए एनेस्थीसिया विभाग के आयोजन कमेटी को बधाई दी। कहा कि प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी के प्रयासों से आज प्रदेश की मेडिकल चिकित्सा नये-नये आयामों को छू रही है। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि पहली बार एनेस्थीसिया विभाग द्वारा जोनल कान्फ्रेंस आयोजित की है। यह कान्फ्रेंस एकेडमिक ज्ञान और कौशल को बढ़ाने का मील का पत्थर साबित होगी। यहीं नहीं रेजीडेंट चिकित्सको के साथ साथ से मरीजों को फायदा मिलेगा। उत्तराखंड सोसायटी आफ एनेस्थीसियोलाजिस्ट की अध्यक्ष डॉ. पारुल जिंदल ने कहा कि एनेस्थीसिया में किस तरह की सावधानियां एवं जागरूकता होनी चाहिए इस संदर्भ में जानकारी दी जा रही है। चार प्रदेशों से विशेषज्ञ यहां पहुंचे है। जिसमें 250 लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है। जबकि 300 लोग ऑनलाइन कान्फ्रेंस से जुड़े है। कान्फ्रेंस में कार्डियो, न्यूरो एनेस्थीसिया, क्रिटिकल केयर, पेन मैनेजमेंट में क्या क्या तरीके किये जाते है, इस संदर्भ में चर्चा की जा रही है। एनेस्थसिया विभाग के प्रोफेसर विभागाध्यक्ष एवं आयोजन सचिव डा. अजेय बिक्रम सिंह एवं आयोजन चेयरमैन डॉ. सुरिन्द्रर सिंह ने कान्फ्रेंस में पहुंचे सभी लोगों का स्वागत करते हुए कान्फ्रेंस के संदर्भ में जानकारी दी। इस मौके पर डॉ राजीव गुप्ता, डॉ. सुनील सेठी, डॉ. भारत भूषण, डॉ. दीपक मालवीय, डॉ वीरेंद्र शर्मा, डॉ विजय त्यागी ने अपने विचार रखे।

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सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर होगे तैनात- डॉ. चन्द्रा

एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति प्रो. हेम चन्द्रा जी ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है। प्रदेश में चार मेडिकल कॉलेज खुले है, जबकि तीन जल्द खुलने वाले है। तीन मेडिकल कॉलेजों में पीजी शुरु करा दी है। 700 एमबीबीएस की सीटें है। जबकि एनएमसी की स्वीकृति के बाद पीजी डिप्लोमा एवं डिग्री कोर्स शुरु कर दिये है। दून और श्रीनगर में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैनाती करने की तैयारी है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब खुलने जा रही है, साथ ही कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती भी जल्द की जायेगी। मेडिकल कॉलेज में अच्छी फैकल्टी तैनात हो इसके लिए प्रयास किये जा रहे है। अल्मोड़ा और श्रीनगर की फैकल्टी को 50 प्रतिशत सैलरी इनसेंटिव के रुप में बढ़ाकर दी जा रही है।

 

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